वन रैंक वन पेंशन के खिलाफ राजधानी के एक सेवानिवृत्त कर्नल कलेक्ट्रेट में अपने मैडल वापस करने पहुंचे। हालांकि कलेक्ट्रेट से उन्हें निराश ही लौटना पड़ा क्योंकि कलेक्टर ने यह कहते हुए उन्हें वापस लौटा दिया कि वे किसी केंद्र सरकार के जिम्मेदार अधिकारी को अपना मैडल सौंपे।
भोपाल के रिटायर्ड कर्नल वीजी कुंडालकर आज दोपहर में कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। वे वहां सर्विस के दौरान मिले मैडल कलेक्टर को लौटाने गए थे लेकिन कलेक्टर निशांत बरवड़े ने उन्हें सही अधिकारी को मैडल सौंपने की बात कहते हुए वापस कर दिया। कर्नल कुंडालकर ने बताया कि कलेक्टर ने उन्हें यह तर्क दिया कि वे तो राज्य सरकार के अधिकारी हैं और सेना केंद्र सरकार का विषय है। इसलिए वे मैडल लेने के लिए सही अधिकारी नहीं हैं। मैडल केंद्र सरकार के जिम्मेदार अधिकारी को सौंपना उचित होगा।
क्या है विरोध
कर्नल वीजी कुंडालकर का कहना है कि केंद्र सरकार ने वन रैंक वन पेंशन स्कीम को जिस स्वरूप में लागू किया है, उससे हम लोग सहमत नहीं हैं। दो बिंदु प्रमुख रूप से आपत्तिजनक है जिनमें सेएक 2013 को बेस ईयर मानने की जगह 2015 को माना जाए और पांच साल में पेंशन की समीक्षा की जगह हर साल पेंशन की समीक्षा की जाए।