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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि किसान और खेती को बचाने के लिये नया रोड मैप तैयार किया जायेगा। किसानों को खेती के नए रोडमैप के अनुसार खेती करने के लिये प्रेरित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सूखे की स्थिति को अवसर के रूप में लिया गया है जिससे खेती की दशा और दिशा में सुधार किया जा सके। उन्होंने कहा कि किसानों को पूरी तरह आत्म-निर्भर बनाया जायेगा।
भोपाल स्थित प्रशासन अकादमी में 31 अक्टूबर को कृषि मंथन में कृषि क्षेत्र में सुधार के लिये आगामी वर्षों के लिये गठित टास्क फोर्स के सदस्य विशेषज्ञों से चर्चा करते श्री चौहान ने कहा कि खेती के लिये सड़क, जल प्रबंधन और बिजली बहुत जरूरी थे और प्रदेश ने इन क्षेत्रों में अभूतपूर्व काम किया है। उन्होंने कहा कि एक दशक पहले जब खेती को लाभ का व्यवसाय बनाने का अभियान शुरू किया था तब पंजाब को लक्ष्य बनाया था। आज हम धीरे-धीरे पंजाब के मुकाबले आ गये।
श्री चौहान ने कहा कि कहा कि सूखे और प्राकृतिक आपदाओं ने खेती को और ज्यादा सक्षम बनाने पर सोचने के लिये मजबूर किया है। उन्होंने फसल चक्र में परिवर्तन लाने पर जोर देते हुए कहा कि राज्य सरकार किसानों को हारने नहीं देगी।
श्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिये छोटी-छोटी कई योजनाएँ चल रही हैं उन्हें नये रोडमैप में समाहित किया जायेगा। उन्होंने मध्यप्रदेश की खेती की दशा बदलने का संकल्प दोहराते हुए कहा कि प्रदेश खेती को लाभकारी बनाने का उदाहरण प्रस्तुत करेगा। उन्होंने कहा कि किसानों को सौ-सौ के दल में खेती के तौर-तरीके सीखने के लिये विभिन्न राज्य और विदेश में भी भेजा जायेगा।
केन्द्रीय पोस्ट हार्वेस्ट इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के पूर्व संचालक डॉ. आर.के. पाटिल ने फसल कटाई के बाद उसके प्रबंधन तथा खाद्य प्र-संस्करण प्रौद्योगिकी के उपयोग की चर्चा की। केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान भोपाल के परियोजना समन्वयक डॉ. सी.आर. मेहता ने मध्यप्रदेश में कृषि यंत्रीकरण की प्रगति की चर्चा की।
नेशनल कमोडिटी एक्सचेंज लिमिटेड मुंबई के श्री समीश शाह ने कृषि व्यवसाय अधोसंरचना विकास के महत्व पर प्रकाश डाला। टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. पंजाब सिंह, डॉ. अशोक गुलाटी और डॉ. ज्ञानेन्द्र सिंह ने अपने सुझाव दिये। मुख्यमंत्री ने टास्क फोर्स के सदस्यों को स्मृति-चिन्ह भी भेंट किये।