प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को स्वर्ण बांड योजना और अशोक चक्र वाले सोने के सिक्के जारी करने सहित तीन स्वर्ण योजनाओं की शुरुआत की। इन योजनाओं का उद्देश्य घरों में पड़े 52 लाख करोड़ रुपए के सोने को बैकिंग प्रणाली में लाना और सोने के बढ़ते आयात पर अंकुश लगाना है। बढ़ते आयात से भारत गुरुवार को दुनिया में सोने का सबसे बड़ा खरीदार बन गया है। भारत सालाना एक हजार टन सोने का आयात करता है जिससे भारी मात्रा में विदेशी मुद्रा बाहर चली जाती है और राजकोषीय घाटे पर दबाव बढ़ता है। अनुमान है कि देश में लोगों और मंदिरों में 20 टन सोना पड़ा है। इसकी अनुमानित कीमत 52 लाख करोड़ रुपए है। मोदी ने देश में पहली बार सरकारी स्तर पर सोने का सिक्का और बुलियन (सोने की बट्टी) भी जारी की जिस पर एक तरफ अशोक चक्र और दूसरी तरफ महात्मा गांधी की छवि अंकित है। इन योजनाओं को सोने पर सुहागा करार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों को इन योजनाओं से फायदा मिलना चाहिए और राष्ट्र निर्माण में मदद करनी चाहिए। एक अन्य योजना स्वर्र्ण मौद्रीकरण योजना, 2015 के तहत बैंक 15 साल तक के लिए सोना अपने पास जमा करेंगे और समय-समय पर इसकी नीलामी करेंगे या जौहरियों को उधार देंगे। जमाकर्ताओं को सालाना 2.50 फीसद ब्याज मिलेगा जो बैंक जमा दर से कम है। खरीदारों को अपना स्थायी खाता नंबर (पैन) और अपने ग्राहक को जानो (केवाईसी) जुड़े दस्तावेज सौंपने होंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस देश के पास घर-परिवार और संस्थानों में 20 हजार टन सोना बेकार रखा हो, ऐसे देश के गरीब रहने की कोई वजह नहीं है। भारत कुछ नई पहलों और सही नीतियों के साथ आगे बढ़ते हुए गरीब देश के तौर पर अपनी पहचान को खत्म कर सकता है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस मौके पर कहा कि सोने का आयात हतोत्साहित करना आवश्यक है और बांड योजना से भौतिक रूप में सोने की मांग कम होने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री मोदी ने अशोक चक्र वाला सोने के सिक्का पेश करने को देश के लिए सम्मान का विषय करार दिया और कहा कि लोगों को अब विदेश में बनी सोने की छड़ या सिक्कों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। सिक्कों के विनिर्माण से सरकार की मेक इन इंडिया पहल को भी बढ़ावा मिलेगा। मोदी ने देश में सुनारों पर परिवारों के विश्वास और गहरे रिश्ते का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि एक बार इन योजनाओं के बारे में अच्छी तरह जान लेने के बाद वे खुद ही इन योजनाओं के सबसे बड़े एजंट बन जाएंगे। भारत में बचत और महिलाओं को सोने के साथ सशक्त बनाने की परंपरा का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने हल्के फुल्के अंदाज में कहा कि रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन को अर्थशास्त्र और गृहशास्त्र के बीच फर्क समझना होगा। जहां तक स्वर्ण मौद्रीकरण योजना का सवाल है, इससे होने वाली आय पर पूंजीगत लाभ कर, संपत्ति कर और आयकर से छूट है।