Admission Open DCA PGDCA BCA MSC BA BCOM BSW, CALL 07554905511 MSW www.hitechbhopal.com

Saturday, October 17, 2015

बीफ के आयात-निर्यात और देशभर में गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाए केंद्र सरकार : हाईकोर्ट


हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को गौहत्या पर राष्ट्रीय स्तर पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की व्यवस्था बनाने के आदेश जारी किये हैं.
हाईकोर्ट ने गोवध, गोवंशियों के आयात-निर्यात और गोमांस व गोमांस से बने उत्पादों को प्रतिबंधित करने वाले कानून को देश भर में प्रभावी रूप से लागू करने पर विचार करने के भी आदेश दिये हैं. हाईकोर्ट ने इसके लिए केंद्र सरकार को तीन महीने का समय दिया है.

न्यायाधीश राजीव शर्मा एवं न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर ने गौवंश संरक्षण एवं संवद्र्धन परिषद, हिमाचल प्रदेश की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश दिये. कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई 6 जनवरी को सम्बंधित केन्द्रीय सचिव अनुपालन शपथ पत्र पेश करें.

अदालत ने अपने आदेश में ये भी साफ कहा है कि भारतीय संविधान सभी धर्मों को एक समान आदर करने की गारंटी देता है. धर्म निरपेक्षता भारतीय संविधान का मूल आधार है. हमारे देश का संविधान इस बात की अनुमति नहीं देता है कि किसी भी व्यक्ति की धर्म से जुड़ी भावनाओं को आघात पहुंचाया जाए.
हाईकोर्ट ने अपने पिछले आदेशों की अनुपालन नहीं होने पर हिमाचल प्रदेश के जिम्मेवार अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को भी कहा है. हाई कोर्ट ने लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंताओं को यह सुनिश्चित करने को कहा था कि कोई भी लावारिस पशु उनके अधिकार क्षेत्र में सड़कों पर नजर नहीं आना चाहिए.

न्यायालय ने हिमाचल के मुख्य सचिव को भी आदेश दिए हैं कि वे जिम्मेवार अधीक्षण अभियंताओं पर कार्रवाई करें. इसके अलावा नगर निगम शिमला के आयुक्त, नगर परिषदों के कार्यकारी अधिकारियों, नगर पंचायतों, ग्राम पंचायतों के प्रधानों के खिलाफ भी कार्रवाई के आदेश भी अमल में लाने के निर्देश जारी किए हैं. इस मामले की अगली सुनवाई छह जनवरी 2016 को होगी.

अदालत ने राज्य की सभी ग्राम पंचायतों से कहा कि वे छह माह के भीतर ग्राम सचिवों के जरिए सभी तरह के पशुओं पर माइक्रो चिप चिपकाएं. चिप में पशुओं की यूनिक आईडी भी हो ताकि उसे आसानी से पढ़ा जा सके और पशुमालिक की पहचान हो सके.
गौरतलब है कि देश के अलग-अलग राज्यों में गोहत्या को रोकने और गोमांस बेचने पर प्रतिबंध के अलग-अलग कानून हैं. कई राज्यों में इस पर पूर्ण प्रतिबंध है तो कहीं आंशिक रोक है.